गायत्रि अष्टोत्तर शत नामावलि | Gayatri Ashtottara Shatanamavali In Marathi
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ॐ तरुणादित्य संकाशायै नमः
ॐ सहस्र नयनोज्ज्वलायै नमः
ॐ विचित्र माल्याभरणायै नमः
ॐ तुहिनाचल वासिन्यै नमः
ॐ वरदाभय हस्ताब्जायै नमः
ॐ रेवातीर निवासिन्यै नमः
ॐ प्रणित्यय विशेषज्ञायै नमः
ॐ यंत्राकृत विराजितायै नमः
ॐ भद्रपादप्रियायै नमः
ॐ गोविंद पदगामिन्यै नमः (10)
ॐ देवर्षिगण संस्तुत्यायै नमः
ॐ वनमाला विभूषितायै नमः
ॐ स्यंदनोत्तम संस्थानायै नमः
ॐ धीरजीमूत निस्वनायै नमः
ॐ मत्तमातंग गमनायै नमः
ॐ हिरण्यकमलासनायै नमः
ॐ धीजनाधार निरतायै नमः
ॐ योगिन्यै नमः
ॐ योगधारिण्यै नमः
ॐ नटनाट्यैक निरतायै नमः (20)
ॐ प्रणवाद्यक्षरात्मिकायै नमः
ॐ चोरचारक्रियासक्तायै नमः
ॐ दारिद्र्यच्छेदकारिण्यै नमः
ॐ यादवेंद्र कुलोद्भूतायै नमः
ॐ तुरीयपथगामिन्यै नमः
ॐ गायत्र्यै नमः
ॐ गोमत्यै नमः
ॐ गंगायै नमः
ॐ गौतम्यै नमः
ॐ गरुडासनायै नमः (30)
ॐ गेयगानप्रियायै नमः
ॐ गौर्यै नमः
ॐ गोविंदपद पूजितायै नमः
ॐ गंधर्व नगराकारायै नमः
ॐ गौरवर्णायै नमः
ॐ गणेश्वर्यै नमः
ॐ गदाश्रयायै नमः
ॐ गुणवत्यै नमः
ॐ गह्वर्यै नमः
ॐ गणपूजितायै नमः (40)
ॐ गुणत्रय समायुक्तायै नमः
ॐ गुणत्रय विवर्जितायै नमः
ॐ गुहावासायै नमः
ॐ गुणाधारायै नमः
ॐ गुह्यायै नमः
ॐ गंधर्वरूपिण्यै नमः
ॐ गार्ग्य प्रियायै नमः
ॐ गुरुपदायै नमः
ॐ गुह्यलिंगांग धारिन्यै नमः
ॐ सावित्र्यै नमः (50)
ॐ सूर्यतनयायै नमः
ॐ सुषुम्ना नाडिभेदिन्यै नमः
ॐ सुप्रकाशायै नमः
ॐ सुखासीनायै नमः
ॐ सुमत्यै नमः
ॐ सुरपूजितायै नमः
ॐ सुषुप्त्यवस्थायै नमः
ॐ सुदत्यै नमः
ॐ सुंदर्यै नमः
ॐ सागरांबरायै नमः (60)
ॐ सुधांशु बिंबवदनायै नमः
ॐ सुस्तन्यै नमः
ॐ सुविलोचनायै नमः
ॐ सीतायै नमः
ॐ सर्वाश्रयायै नमः
ॐ संध्यायै नमः
ॐ सुफलायै नमः
ॐ सुखदायिन्यै नमः
ॐ सुभ्रुवे नमः
ॐ सुनासायै नमः (70)
ॐ सुश्रोण्यै नमः
ॐ संसारार्णवतारिण्यै नमः
ॐ सामगान प्रियायै नमः
ॐ साध्व्यै नमः
ॐ सर्वाभरण पूजितायै नमः
ॐ वैष्णव्यै नमः
ॐ विमलाकारायै नमः
ॐ महेंद्र्यै नमः
ॐ मंत्ररूपिण्यै नमः
ॐ महालक्ष्म्यै नमः (80)
ॐ महासिद्ध्यै नमः
ॐ महामायायै नमः
ॐ महेश्वर्यै नमः
ॐ मोहिन्यै नमः
ॐ मधुसूदन चोदितायै नमः
ॐ मीनाक्ष्यै नमः
ॐ मधुरावासायै नमः
ॐ नगेंद्र तनयायै नमः
ॐ उमायै नमः
ॐ त्रिविक्रम पदाक्रांतायै नमः (90)
ॐ त्रिस्वरायै नमः
ॐ त्रिलोचनायै नमः
ॐ सूर्यमंडल मध्यस्थायै नमः
ॐ चंद्रमंडल संस्थितायै नमः
ॐ वह्निमंडल मध्यस्थायै नमः
ॐ वायुमंडल संस्थितायै नमः
ॐ व्योममंडल मध्यस्थायै नमः
ॐ चक्रिण्यै नमः
ॐ चक्ररूपिण्यै नमः
ॐ कालचक्र वितानस्थायै नमः (100)
ॐ चंद्रमंडल दर्पणायै नमः
ॐ ज्योत्स्नातपानुलिप्तांग्यै नमः
ॐ महामारुत वीजितायै नमः
ॐ सर्वमंत्राश्रयायै नमः
ॐ धेनवे नमः
ॐ पापघ्न्यै नमः
ॐ परमेश्वर्यै नमः (108)
इति श्रीगायत्र्यष्टोत्तरशतनामावलिः संपूर्णा ।