मणिद्वीप वर्णनम् | Manidweepa Varnanam In Hindi

Also Read This In:- Bengali, Gujarati, English, Kannada, Marathi, Malayalam, Odia, Punjabi, Sanskrit, Tamil, Telugu.

महाशक्ति मणिद्वीप निवासिनी
मुल्लोकालकु मूलप्रकाशिनी ।
मणिद्वीपमुलो मंत्ररूपिणी
मन मनसुललो कॊलुवैयुंदि ॥ 1 ॥

सुगंध पुष्पालॆन्नो वेलु
अनंत सुंदर सुवर्ण पूलु ।
अचंचलंबगु मनो सुखालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 2 ॥

लक्षल लक्षल लावण्यालु
अक्षर लक्षल वाक्संपदलु ।
लक्षल लक्षल लक्ष्मीपतुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 3 ॥

पारिजातवन सौगंधालु
सूराधिनाधुल सत्संगालु ।
गंधर्वादुल गानस्वरालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 4 ॥

भुवनेश्वरि संकल्पमे जनियिंचे मणिद्वीपमु ।
देवदेवुल निवासमु अदिये मनकु कैवल्यमु ॥

पद्मरागमुलु सुवर्णमणुलु
पदि आमडल पॊडवुन गलवु ।
मधुर मधुरमगु चंदनसुधलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 5 ॥

अरुवदि नालुगु कलामतल्लुलु
वरालनॊसगे पदारु शक्तुलु ।
परिवारमुतो पंचब्रह्मलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 6 ॥

अष्टसिद्धुलु नवनवनिधुलु
अष्टदिक्कुलु दिक्पालकुलु ।
सृष्टिकर्तलु सुरलोकालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 7 ॥

कोटिसूर्युल प्रचंड कांतुलु
कोटिचंद्रुल चल्लनि वॆलुगुलु ।
कोटितारकल वॆलुगु जिलुगुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 8 ॥

भुवनेश्वरि संकल्पमे जनियिंचे मणिद्वीपमु ।
देवदेवुल निवासमु अदिये मनकु कैवल्यमु ॥

कंचु गोडल प्राकारालु
रागि गोडल चतुरस्रालु ।
एडामडल रत्नराशुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 9 ॥

पंचामृतमय सरोवरालु
पंचलोहमय प्राकारालु ।
प्रपंचमेले प्रजाधिपतुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 10 ॥

इंद्रनीलमणि आभरणालु
वज्रपुकोटलु वैढूर्यालु ।
पुष्यरागमणि प्राकारालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 11 ॥

सप्तकोटिघन मंत्रविद्यलु
सर्वशुभप्रद इच्छाशक्तुलु ।
श्री गायत्री ज्ञानशक्तुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 12 ॥

भुवनेश्वरि संकल्पमे जनियिंचे मणिद्वीपमु ।
देवदेवुल निवासमु अदिये मनकु कैवल्यमु ॥

मिलमिललाडे मुत्यपु राशुलु
तलतललाडे चंद्रकांतमुलु ।
विद्युल्लतलु मरकतमणुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 13 ॥

कुबेर इंद्र वरुण देवुलु
शुभाल नॊसगे अग्निवायुवुलु ।
भूमि गणपति परिवारमुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 14 ॥

भक्ति ज्ञान वैराग्य सिद्धुलु
पंचभूतमुलु पंचशक्तुलु ।
सप्तृषुलु नवग्रहालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 15 ॥

कस्तूरि मल्लिक कुंदवनालु
सूर्यकांति शिल महाग्रहालु ।
आरु ऋतुवुलु चतुर्वेदालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 16 ॥

भुवनेश्वरि संकल्पमे जनियिंचे मणिद्वीपमु ।
देवदेवुल निवासमु अदिये मनकु कैवल्यमु ॥

मंत्रिणि दंडिनि शक्तिसेनलु
कालि कराली सेनापतुलु ।
मुप्पदिरॆंडु महाशक्तुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 17 ॥

सुवर्ण रजित सुंदरगिरुलु
अनंगदेवि परिचारिकलु ।
गोमेधिकमणि निर्मितगुहलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 18 ॥

सप्तसमुद्रमुलनंत निधुलु
यक्ष किन्नॆर किंपुरुषादुलु ।
नानाजगमुलु नदीनदमुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 19 ॥

मानव माधव देवगणमुलु
कामधेनुवु कल्पतरुवुलु ।
सृष्टि स्थिति लय कारणमूर्तुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 20 ॥

भुवनेश्वरि संकल्पमे जनियिंचे मणिद्वीपमु ।
देवदेवुल निवासमु अदिये मनकु कैवल्यमु ॥

कोटि प्रकृतुल सौंदर्यालु
सकल वेदमुलु उपनिषत्तुलु ।
पदारुरेकुल पद्मशक्तुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 21 ॥

दिव्यफलमुलु दिव्यास्त्रमुलु
दिव्यपुरुषुलु धीरमातलु ।
दिव्यजगमुलु दिव्यशक्तुलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 22 ॥

श्री विघ्नेश्वर कुमारस्वामुलु
ज्ञानमुक्ति एकांत भवनमुलु ।
मणिनिर्मितमगु मंडपालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 23 ॥

पंचभूतमुलु याजमान्यालु
प्रवालसालं अनेक शक्तुलु ।
संतानवृक्ष समुदायालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 24 ॥

भुवनेश्वरि संकल्पमे जनियिंचे मणिद्वीपमु ।
देवदेवुल निवासमु अदिये मनकु कैवल्यमु ॥

चिंतामणुलु नवरत्नालु
नूरामडल वज्रपुराशुलु ।
वसंतवनमुलु गरुडपच्चलु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 25 ॥

दुःखमु तॆलियनि देवीसेनलु
नटनाट्यालु संगीतालु ।
धनकनकालु पुरुषार्धालु
मणिद्वीपानिकि महानिधुलु ॥ 26 ॥

पदुनालुगु लोकालन्निटि पैन
सर्वलोकमनु लोकमु कलदु ।
सर्वलोकमे ई मणिद्वीपमु
सर्वेश्वरिकदि शाश्वत स्थानम् ॥ 27 ॥

चिंतामणुल मंदिरमंदु
पंचब्रह्मल मंचमुपैन ।
महादेवुडु भुवनेश्वरितो
निवसिस्ताडु मणिद्वीपमुलो ॥ 28 ॥

भुवनेश्वरि संकल्पमे जनियिंचे मणिद्वीपमु ।
देवदेवुल निवासमु अदिये मनकु कैवल्यमु ॥

मणिगणखचित आभरणालु
चिंतामणि परमेश्वरिदाल्चि ।
सौंदर्यानिकि सौंदर्यमुगा
अगुपडुतुंदि मणिद्वीपमुलो ॥ 29 ॥

परदेवतनु नित्यमुकॊलचि
मनसर्पिंचि अर्चिंचिनचो ।
अपारधनमु संपदलिच्चि
मणिद्वीपेश्वरि दीविस्तुंदि ॥ 30 ॥

नूतन गृहमुलु कट्टिनवारु
मणिद्वीपवर्णन तॊम्मिदिसार्लु ।
चदिविन चालु अंता शुभमे
अष्टसंपदल तुलतूगेरु ॥ 31 ॥

शिवकवितेश्वरि श्रीचक्रेश्वरि
मणिद्वीप वर्णन चदिविन चोट ।
तिष्टवेसुकुनि कूर्चॊनुनंट
कोटिशुभालनु समकूर्चुटकै ॥ 32 ॥

भुवनेश्वरि संकल्पमे जनियिंचे मणिद्वीपमु ।
देवदेवुल निवासमु अदिये मनकु कैवल्यमु ॥

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *