लिंगाष्टकम् | Lingashtakam Lyrics In Hindi
Also Read This In:- Bengali, English, Gujarati, Kannada, Marathi, Malayalam, Odia, Punjabi, Sanskrit, Tamil, Telugu.
शिवलिंग की पूजा करते समय लिंगाष्टकम् का उच्चारण भगवान शिव को प्रसन्न करता है। इस आठ श्लोको में भगवान शिव के लिंग का वर्णन और उनकी कथा मिलती है।
शिव लिंगाष्टकम
ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं
निर्मलभासित शोभित लिंगम् ।
जन्मज दुःख विनाशक लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 1 ॥
देवमुनि प्रवरार्चित लिंगं
कामदहन करुणाकर लिंगम् ।
रावण दर्प विनाशन लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 2 ॥
सर्व सुगंध सुलेपित लिंगं
बुद्धि विवर्धन कारण लिंगम् ।
सिद्ध सुरासुर वंदित लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 3 ॥
कनक महामणि भूषित लिंगं
फणिपति वेष्टित शोभित लिंगम् ।
क्षसुयज्ञ विनाशन लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 4 ॥
कुंकुम चंदन लेपित लिंगं
पंकज हार सुशोभित लिंगम् ।
संचित पाप विनाशन लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 5 ॥
देवगणार्चित सेवित लिंगं
भावै-र्भक्तिभिरेव च लिंगम् ।
दिनकर कोटि प्रभाकर लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 6 ॥
अष्टदलोपरिवेष्टित लिंगं
सर्वसमुद्भव कारण लिंगम् ।
अष्टदरिद्र विनाशन लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 7 ॥
सुरगुरु सुरवर पूजित लिंगं
सुरवन पुष्प सदार्चित लिंगम् ।
परात्परं (परमपदं) परमात्मक लिंगं
तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम् ॥ 8 ॥
लिंगाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेश्शिव सन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥