कन्हैया ले चल परली पार: भजन | Kanhaiya Le Chal Parli Paar Bhajan In Hindi
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कन्हैया ले चल परली पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे मेरी राधा रानी,
अलबेली सरकार ॥
गुण अवगुण सब तेरे अर्पण,
पाप पुण्य सब तेरे अर्पण,
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण,
यह जीवन भी तेरे अर्पण,
मैं तेरे चरणो की दासी
मेरे प्राण आधार।।
साँवरिया ले चल परली पार ॥
तेरी आस लगा बैठी हूँ,
लज्जा शील गवां बैठी हूँ,
मैं अपना आप लूटा बैठी हूँ,
आँखें खूब थका बैठी हूँ,
साँवरिया मैं तेरी रागिनी,
तू मेरा मल्हार।।
कन्हैया ले चल परली पार ॥
जग की कुछ परवाह नहीं है,
सूझती अब कोई राह नहीं है,
तेरे बिना कोई चाह नहीं है,
और बची कोई राह नहीं है,
मेरे प्रीतम, मेरे माझी,
कर दो बेडा पार
साँवरिया ले चल परली पार ॥
कन्हैया ले चल परली पार,
साँवरिया ले चल परली पार,
जहां विराजे मेरी राधा रानी,
अलबेली सरकार ॥
है तेरा तारण हारा,
कब तेरा दर्शन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा ।
तुमने तारे लाखों प्राणी,
ये संतो की वाणी है,
तेरी छवि पर वो मेरे भगवन,
ये दुनिया दीवानी है,
भाव से तेरी पूजा रचाऊं,
जीवन में मंगल होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
सुरवर मुनिवर जिनके चरणे,
निशदिन शीश झुकाते है,
जो गाते है प्रभु की महिमा,
वो सब कुछ पा जाते है,
अपने कष्ट मिटाने को तेरे,
चरणों का वंदन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
मन की मुरादें लेकर स्वामी,
तेरे चरण में आए है,
हम है बालक तेरे चरण में,
तेरे ही गुण गाते है,
भव से पार उतरने को तेरे,
गीतो का संगम होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
ऐसी दया कर देना दाता,
निश्छल गुजरे ये जीवन,
रंग लगे नहीं कपट झूठ का,
हो पावन मेरा तन मन,
सेवा में तेरी ओ मेरे स्वामी,
भक्तिभाव अर्पण होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।
नाम है तेरा तारण हारा,
कब तेरा दर्शन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदर,
वो कितना सुंदर होगा,
वो कितना सुंदर होगा ।